RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एक अहम घोषणा करते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया। यह इस वर्ष दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में बदलाव किया है। गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति फिलहाल ‘समायोजनात्मक रुख’ अपनाएगी, यानी या तो वर्तमान स्थिति को बरकरार रखा जाएगा या फिर आगे चलकर और राहत दी जा सकती है।
RBI MPC Meeting 2025 ट्रंप के टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता
अपने संबोधन में गवर्नर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर चिंता जताई और कहा कि इससे वैश्विक आर्थिक स्थिति में अस्थिरता आई है। उन्होंने कहा, “हाल में जो टैरिफ संबंधी कदम उठाए गए हैं, उससे दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ी हैं और महंगाई का डर भी बना हुआ है।”
इसी संदर्भ में जब उनसे पूछा गया कि क्या भविष्य में और भी राहत की उम्मीद की जा सकती है, तो गवर्नर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैं संजय हूं, लेकिन महाभारत का संजय नहीं जो इतनी दूर तक देख सके। RBI MPC Meeting 2025 हमारे पास उनकी तरह दूरदृष्टि नहीं है।”
इस बयान ने न केवल माहौल को हल्का किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि भले ही आरबीआई नीतिगत दृष्टि से सतर्क है, लेकिन वह वैश्विक परिस्थितियों के आगे पूर्वानुमान लगाने में फिलहाल सावधानी बरतेगा।
बजट और टैक्स में मिली राहत का जिक्र
गवर्नर मल्होत्रा ने हालिया केंद्रीय बजट की भी सराहना की। RBI MPC Meeting 2025 उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स छूट और पर्सनल इनकम टैक्स के मोर्चे पर कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, जो आम जनता को राहत देने के साथ-साथ खपत को बढ़ाने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा, “सरकार ने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया है। आपने हाल में जो बजट देखा है, उसमें टैक्स में छूट से लेकर पर्सनल इनकम टैक्स की दरों तक कई कदम उठाए गए हैं।”
RBI MPC Meeting 2025 GDP ग्रोथ अनुमान में कटौती
आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए देश की GDP ग्रोथ के अनुमान को भी संशोधित किया है। पहले जहां यह अनुमान 6.7% था, अब उसे घटाकर 6.5% कर दिया गया है। इसके पीछे मुख्य वजह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और टैरिफ वॉर को बताया गया है।
गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति घरेलू ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए बनाई गई है, लेकिन महंगाई को नियंत्रित रखना भी उतना ही जरूरी है। “हमने रेपो रेट में कमी की है और अपने रुख में बदलाव किया है। इसका मतलब है कि पॉलिसी की दिशा अब और भी नरम हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह परिस्थिति पर निर्भर करेगा,” उन्होंने जोड़ा।
बाजार और उद्योग पर प्रभाव
रेपो रेट में कटौती से उम्मीद की जा रही है कि बैंक लोन सस्ते होंगे, जिससे हाउसिंग, ऑटो और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर को बूस्ट मिल सकता है। RBI MPC Meeting 2025 उद्योग जगत ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। https://www.startupindia.gov.in/
निष्कर्ष
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के ‘महाभारत के संजय’ वाले बयान ने न केवल सुर्खियां बटोरीं, बल्कि यह भी दर्शाया कि केंद्रीय बैंक फिलहाल स्थिति को लेकर सतर्क लेकिन लचीला दृष्टिकोण अपना रहा है। वैश्विक स्तर पर टैरिफ वॉर और घरेलू स्तर पर महंगाई की चुनौतियों के बीच आरबीआई संतुलन बनाकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। आने वाले दिनों में रेपो रेट और नीतियों में और क्या बदलाव होंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल जनता को थोड़ी राहत जरूर मिली है। https://publichint.com/srh-vs-gt-2025/