सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया, और इस अवसर पर उन्होंने एक भावुक विदाई भाषण दिया। 11 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे चीफ जस्टिस ने अपने आखिरी दिन को यादगार बनाते हुए खुद पर तंज करने वालों पर भी चुटकी ली।
चंद्रचूड़ ने मजाकिया लहजे में कहा, “मैं शायद सबसे ज्यादा ट्रोल होने वाला जज हूं। अब सोमवार से मेरे ट्रोल करने वाले क्या करेंगे? वो बेरोजगार हो जाएंगे।” उन्होंने अपने ट्रोलर्स का बुरा मानने के बजाय उसे सकारात्मक दृष्टि से लिया। इसी सिलसिले में उन्होंने उर्दू के मशहूर शायर बशीर बद्र का शेर पढ़ा, “मुख़ालिफ़त से मेरी शख़्सियत संवरती है, मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूं।” इस शेर से उन्होंने अपने आलोचकों को यह संदेश दिया कि विरोध भी उन्हें निखारता है और वे इसे सम्मान की तरह लेते हैं।
पिता की कहानी से मिली प्रेरणा
चंद्रचूड़ ने अपने विदाई भाषण में अपने पिता, पूर्व चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ से जुड़ी एक प्रेरणादायक घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने पुणे में एक छोटा फ्लैट खरीदा था, जिसका उद्देश्य उन्होंने अपने बेटे के भविष्य से जोड़ा था। चंद्रचूड़ ने कहा, “मैंने अपने पिता से पूछा कि पुणे में फ्लैट खरीदने का क्या कारण है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं कब तक आपके साथ रहूंगा, पर एक काम करना – जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इस फ्लैट को अपने पास रखना। अगर कभी तुम्हें अपनी नैतिकता या ईमानदारी पर संदेह हो, तो जान लेना कि तुम्हारे पास एक सिर छुपाने की जगह है। इससे तुम कभी भी अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं करोगे।
ऐतिहासिक फैसलों के साथ एक दृढ़ कार्यकाल
9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस का पदभार संभालने वाले डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने दो साल के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मामला, चुनावी बॉन्ड की पारदर्शिता और कई अन्य संवेदनशील मुद्दों पर निर्णय शामिल हैं। चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में संविधान की मर्यादा और देश की न्यायिक प्रणाली की गरिमा को सर्वोपरि रखा। https://www.sci.gov.in/
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के इस विदाई भाषण ने न सिर्फ उनकी सोच और दृढ़ निश्चय को दिखाया बल्कि न्यायपालिका में उनके योगदान को भी नए आयाम दिए।