नई दिल्ली। वक्फ संपत्तियों पर अधिकार और उनके प्रबंधन को लेकर जारी विवाद के बीच, वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर फिर से चर्चा तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस बिल में जरूरी संशोधन करेगी। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हो पाएगा या नहीं?
संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट में देरी
सूत्रों के अनुसार, इस बिल पर बनी संसद की संयुक्त समिति की कार्रवाई अब तक पूरी नहीं हो पाई है। समिति ने 25 बैठकों के दौरान एक दर्जन से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है, लेकिन कुछ राज्यों का दौरा करना अभी बाकी है। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि वे इस सत्र में रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार हैं, लेकिन समिति में मतभेद और विपक्ष की आपत्तियों के कारण कार्य में देरी हो रही है। पाल ने बताया कि वे विवाद की जगह संवाद से इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं।
चुनाव और अन्य कारण बने देरी का कारण
सूत्रों ने यह भी बताया कि मौजूदा विधानसभा चुनाव और उपचुनावों का भी असर समिति की रिपोर्ट तैयार करने की गति पर पड़ा है। विपक्षी सांसदों ने चुनाव संपन्न होने तक समिति की बैठकों में शामिल न होने का फैसला किया है, जिससे समिति के काम में रुकावट आई है। इसके अलावा, समिति कुछ अन्य स्टेकहोल्डर्स से भी चर्चा करने का प्रयास कर रही है, जिनसे अभी तक संवाद स्थापित नहीं हो पाया है।
जल्दबाजी में रिपोर्ट पेश करने से बचना चाहती है समिति
संयुक्त समिति इस बिल को जल्दबाजी में सदन में पेश नहीं करना चाहती। इस बिल को लेकर पहले भी कई बार मतभेद सामने आए हैं, जिससे समिति में हंगामा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के फैसलों पर सवाल उठाए हैं, और इस विवाद के चलते यह मामला लोकसभा स्पीकर तक पहुंच चुका है। समिति के सदस्यों को डर है कि यदि इसे जल्दबाजी में पेश किया गया, तो विवाद और भी बढ़ सकते हैं।
क्या शीतकालीन सत्र में पास होगा बिल?
इस बीच, पब्लिक हिंट को मिली जानकारी के अनुसार, वक्फ संशोधन बिल के पास होने की संभावना अब घटती दिख रही है। जब इस बिल को संसद में पेश किया गया था, तो यह तय किया गया था कि समिति शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। हालांकि, अब यह संभावना है कि इस प्रक्रिया में एक महीने या उससे अधिक समय लग सकता है, जिससे बिल के शीतकालीन सत्र में पास होने पर संदेह है।
भविष्य की राह मुश्किल
इस प्रकार, वक्फ संशोधन बिल का भविष्य फिलहाल अनिश्चित बना हुआ है। यदि समिति समय पर रिपोर्ट पेश करने में सफल नहीं होती, तो यह बिल इस सत्र में पास होना कठिन हो सकता है।