उत्तर प्रदेश में हो रहे 9 सीटों के उपचुनावों के बीच राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने करहल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोला और बड़ा दावा किया।
सीएम योगी की कुर्सी खतरे में
अखिलेश यादव ने कहा, ‘महाराष्ट्र के चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की सत्ता भी छिन जाएगी। हमारे मुख्यमंत्री समाज में अंदर ही अंदर बारूद बिछा रहे हैं, लेकिन उनके नीचे सुरंग खुद रही है। जो बारूद बिछा रहे हैं, वही उनके खिलाफ काम करेगा। उनकी कुर्सी अब खतरे में है। ऐसे में जनता से अपील है कि सच्चाई का साथ दें और मदद करें।
करहल से ऐतिहासिक जीत का भरोसा
सपा प्रमुख ने करहल से अपनी पार्टी की जीत को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि बांटने की राजनीति कामयाब नहीं होगी। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, यहां जनता, किसान और नौजवान परेशान हैं। नौजवानों को रोजगार देने के बजाय उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जनता को गुमराह करने की कोशिशें सफल नहीं होंगी।
बीजेपी सभी सीटों पर हारेगी
अखिलेश यादव ने दावा किया कि बीजेपी इन उपचुनावों में सभी 9 सीटों पर हारने जा रही है। उन्होंने कहा, बीजेपी के अंदर के लोग और उनके सहयोगी दल भी अब उनके कट्टर एजेंडे को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। बुलडोजर की राजनीति को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया है, इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं। अधिकारियों को भी अब कार्रवाई का सामना करना होगा।’
प्रयागराज में छात्रों का प्रदर्शन
अखिलेश यादव ने प्रयागराज में यूपीपीएससी के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार नौजवानों की मांगें मानने में असफल रही है। उन्होंने कहा, ‘सरकार को युवाओं की सुननी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। बड़े–बड़े दावे करने से कुछ नहीं होगा, हकीकत में काम करना जरूरी है।
करहल की ऐतिहासिक अहमियत
गौरतलब है कि करहल विधानसभा सीट अखिलेश यादव के लिए खास मायने रखती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। अखिलेश यादव का दावा है कि जनता सपा के साथ है और इस बार भी करहल में बीजेपी की हार तय है। https://samajwadiparty.in/
क्या होगा यूपी के राजनीतिक भविष्य का?
उत्तर प्रदेश के इस उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में अखिलेश यादव के बड़े दावों और बीजेपी की रणनीतियों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि यूपी में राजनीतिक समीकरण किस ओर रुख करेंगे।