PM Modi Guyana Visit: गुयाना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 नवंबर, 2024 को गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए भारत और गुयाना के ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती 180 साल पुरानी है, जब पहली बार भारतीय लोग गुयाना की धरती पर आए थे। इस दौरान उन्होंने गुयाना और भारत के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवता की साझी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया।
भारत और गुयाना का ऐतिहासिक रिश्ता
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और गुयाना का रिश्ता सिर्फ कागजों का नहीं, बल्कि यह मिट्टी, पसीने और परिश्रम का रिश्ता है। 180 साल पहले भारतीय यहां आए और उन्होंने यहां के समाज में अपने योगदान से हमेशा के लिए छाप छोड़ दी। इस रिश्ते ने हर सुख–दुख में साथ निभाया है।
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनी संस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं
वैश्विक परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया एक नए विश्व व्यवस्था की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा, दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं अब ध्वस्त हो रही हैं। यह समय मानवता को प्राथमिकता देने का है। अगर हम ‘ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ की भावना से काम करेंगे, तो मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर पाएंगे।
लोकतंत्र को बताया सबसे बड़ा माध्यम
पीएम मोदी ने लोकतंत्र की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, लोकतंत्र से बड़ा कोई माध्यम नहीं है। यह हर नागरिक को उसके अधिकार दिलाने और एक उज्जवल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाने का काम करता है। गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के हर प्रयास से विश्व भी मजबूत हो रहा है।
‘ये कन्फ्लिक्ट का समय नहीं है’
प्रधानमंत्री ने दुनिया को संदेश देते हुए कहा, “यह समय टकराव का नहीं है, बल्कि टकराव पैदा करने वाली स्थितियों को खत्म करने का है। आज टेररिज्म, ड्रग्स और साइबर क्राइम जैसी चुनौतियां हमारे सामने हैं। इनसे निपटकर ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।“
भारत की भूमिका ‘विश्व बंधु’ के रूप में
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र और मानवता की भावना के साथ ‘विश्व बंधु’ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, गुयाना और भारत का रिश्ता मानवता और लोकतंत्र के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। https://www.bjp.org/
प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को गुयाना की संसद और वहां मौजूद नेताओं ने सराहा। यह दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।