Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से व्हाइट हाउस में होंगे। यह चुनावी जीत न सिर्फ अमेरिका में बल्कि पूरी दुनिया में सुर्खियों में है। 2020 में जो बाइडन से हारने के बाद ट्रंप ने फिर से राष्ट्रपति बनने का इतिहास रच दिया है। हालांकि, इस बार उनका अंदाज़ पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक और प्रभावशाली है, जिससे उनके समर्थक और विरोधी दोनों की निगाहें उनके अगले कदम पर टिकी हैं।
तानाशाह नहीं हूँ, लेकिन एक दिन के लिए बनूंगा”: ट्रंप की विवादित टिप्पणी
अपने पहले कार्यकाल में कई बार तानाशाह कहे जाने के बाद, इस बार के चुनाव प्रचार में ट्रंप ने कई मौकों पर खुद को तानाशाह न मानने की बात कही। हालाँकि, उन्होंने इस बयान को जोड़ते हुए कहा कि वह एक दिन के लिए तानाशाह बनना चाहेंगे ताकि बड़े और निर्णायक फैसले ले सकें। अब सवाल यह है कि अपने इस नए कार्यकाल में ट्रंप किस तरह के “बड़े फैसले” लेने वाले हैं और उनका कार्यकाल किस दिशा में जाएगा?
अमेरिकी संसद हमले के दोषियों की रिहाई का इरादा
2020 के चुनाव हारने के बाद ट्रंप ने सत्ता हस्तांतरण को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। उस दौरान उनके समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला कर दिया था, जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारियाँ हुईं और अदालतों में मुकदमे चले। ट्रंप ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान इस मामले का जिक्र करते हुए कहा था कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो संसद पर हमला करने वालों को रिहा करने की कोशिश करेंगे। इस कदम से न केवल अमेरिकी राजनीति में भूचाल आ सकता है, बल्कि न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक संस्थाओं के साथ उनके संबंध भी तनावपूर्ण हो सकते हैं।
इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर ट्रंप हमेशा सख्त रुख अपनाते रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने मैक्सिको सीमा पर दीवार बनवाने के फैसले से लेकर अवैध अप्रवासियों पर कई नीतिगत कदम उठाए थे। इस बार पेंसिल्वेनिया में एक रैली में उन्होंने वादा किया कि वह इतिहास का सबसे बड़ा एंटी इमिग्रेंट प्रोग्राम चलाएंगे। इसके तहत अमेरिका में लाखों अवैध प्रवासियों को देश से बाहर किया जाएगा।
“देश की सेवा के लिए कुछ भी करेंगे”
जीत के बाद अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि उनका मोटो सीधा और स्पष्ट रहेगा—देश की सेवा। उनके शब्दों में, “हमारी प्राथमिकता अमेरिका की सुरक्षा और विकास होगी। हम इसके लिए किसी भी तरह का कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे। उनके इस बयान से यह साफ है कि आने वाले चार साल में ट्रंप कई कड़े और विवादास्पद फैसले ले सकते हैं।
अब देखना यह है कि ट्रंप का यह कार्यकाल अमेरिका और विश्व राजनीति पर क्या प्रभाव डालता है, और क्या उनके बड़े फैसले अमेरिका की स्थिति को सुदृढ़ करेंगे या नए विवादों को जन्म देंगे।