Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट के बावजूद फरवरी में विलय-अधिग्रहण (M&A) और निजी इक्विटी (Private Equity) सौदों में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला। ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2025 में कुल 7.2 अरब डॉलर के 226 सौदे हुए, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सौदा गतिविधियों में यह तेजी ऐसे समय में आई है जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से धन निकाल रहे हैं और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं। इसके बावजूद, घरेलू मांग की मजबूती ने बाजार को सहारा दिया है। फरवरी 2024 की तुलना में इस साल सौदों की संख्या में 67% और मूल्य में 5.4 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
विलय और अधिग्रहण सौदों में बड़ा उछाल
Indian Stock Market फरवरी में 4.8 अरब डॉलर के 85 विलय और अधिग्रहण (M&A) सौदे हुए, जिनमें घरेलू सौदों की हिस्सेदारी 78% रही। भारतीय सार्वजनिक बाजारों में विदेशी निवेश में गिरावट और व्यापार शुल्कों में वृद्धि के बावजूद सौदा गतिविधियों में मजबूती दिखी। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य कारण भारतीय कंपनियों द्वारा आक्रामक अधिग्रहण रणनीतियाँ अपनाना और घरेलू निवेशकों का भरोसा बना रहना है।

प्राइवेट इक्विटी सौदों में रिकॉर्ड निवेश
Indian Stock Market रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में निजी इक्विटी सौदों में भी बड़ी वृद्धि हुई। कुल 2.4 अरब डॉलर के 141 ट्रांजैक्शंस दर्ज किए गए, जो मई 2022 के बाद का सबसे ऊँचा स्तर है। इस दौरान जेन टेक्नोलॉजीज और निटको लिमिटेड ने चार कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे यह सेक्टर और अधिक सक्रिय हो गया।
फरवरी के सबसे महत्वपूर्ण सौदों में ओएनजीसी-एनटीपीसी ग्रीन द्वारा अयाना रिन्यूएबल पावर का 2.3 अरब डॉलर में अधिग्रहण शामिल है। ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता सेवा क्षेत्रों में भी कई बड़े सौदे हुए, जिससे संकेत मिलता है कि भारतीय बाजार में निवेशकों का दीर्घकालिक भरोसा बना हुआ है।
घरेलू निवेशकों की मजबूत पकड़
Indian Stock Market विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की निकासी के बावजूद भारतीय कंपनियों और निवेशकों की आक्रामक रणनीति ने बाजार को सहारा दिया है। मजबूत घरेलू मांग और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता ने सौदा गतिविधियों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। https://publichint.com/
Indian Stock Market आने वाले महीनों में अगर वैश्विक परिस्थितियाँ अनुकूल रहती हैं, तो भारतीय बाजार में विलय-अधिग्रहण और निजी इक्विटी सौदों में और अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। https://www.nseindia.com/