महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) में सीटों के बंटवारे पर अंतिम सहमति बन गई है। बुधवार, 23 अक्टूबर को तीनों प्रमुख दलों – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी ने मिलकर इस बारे में ऐलान किया कि सभी दल 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कुल मिलाकर 270 सीटों पर समहति बनी है, जबकि 15 सीटों पर अभी चर्चा जारी है। शेष 18 सीटें अन्य छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी गई हैं।
शरद पवार की उपस्थिति में बैठक
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि अंतिम बैठक एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में हुई थी। उन्होंने कहा कि बातचीत अब अंतिम दौर में है और 270 सीटों पर गठबंधन के बीच सहमति बन चुकी है। हालांकि, 15 सीटों पर अभी भी चर्चा जारी है, जिन पर फैसला जल्द लिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अन्य दलों जैसे पीडब्ल्यूपी, सीपीएम, सीपीआई और आम आदमी पार्टी को भी गठबंधन में सीटें दी जाएंगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि गुरुवार, 24 अक्टूबर को बाकी बची सीटों पर तस्वीर साफ हो जाएगी। पटोले ने कहा, “हम गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि इस बार महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनेगी।”
बड़ा भाई कौन?
एमवीए के तीनों दलों – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी भी 15 सीटों पर चर्चा जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन सीटों का बंटवारा कैसे होगा और क्या तीनों दलों के बीच समान वितरण होगा या किसी एक पार्टी को ‘बड़ा भाई’ की भूमिका मिलेगी।
अन्य दल भी मैदान में उतरने को तैयार
इस चुनाव में न केवल महाविकास अघाड़ी बल्कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और अन्य छोटे दल भी अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सीट बंटवारे के फार्मूले को देखते हुए स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में अब महाविकास अघाड़ी के बजाय ‘इंडिया’ गठबंधन चुनाव मैदान में उतरने जा रहा है, जो एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर सकता है।
महाविकास अघाड़ी की इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और अब यह देखना बाकी है कि गठबंधन के तहत यह चुनावी रणनीति किस तरह काम करेगी।