मणिपुर में हालात फिर से बिगड़ते देख केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल को मणिपुर भेजा गया है। वह वहां कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी सभी रैलियां रद्द कर दी हैं और नागपुर से दिल्ली लौट आए हैं।
पिछले कुछ दिनों से मणिपुर के कई इलाकों में फिर से तनाव बढ़ गया है। बिश्नुपुर, इंफाल और जीरिबाम जैसे संवेदनशील इलाकों में हालात बेकाबू हो गए हैं। हिंसा की ताजा घटना के बाद इन क्षेत्रों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं।
क्यों भड़की ताजा हिंसा?
हिंसा की ताजा घटना जिरीबाम में पिछले मंगलवार को अगवा किए गए एक ही परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद शुरू हुई। शव असम-मणिपुर सीमा पर बरामद हुए थे। आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने इनका अपहरण कर हत्या कर दी। इस घटना ने मैतेई समुदाय के लोगों को उग्र कर दिया, और वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे।
शनिवार को नाराज प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों का घेराव किया और तोड़फोड़ की। इसके बाद भीड़ ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के घर पर धावा बोलने की भी कोशिश की।
सिविल सोसायटी का अल्टीमेटम
मणिपुर में सिविल सोसायटी समूह और मैतेई समुदाय के संगठनों ने सरकार से निर्णायक कदम उठाने की मांग की है। मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा, “हमने केंद्र और राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। यदि उग्रवादी समूहों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो परिणाम गंभीर होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “राज्य के सभी नेताओं और विधायकों को एक साथ बैठकर इस संकट का समाधान निकालना चाहिए। अगर वे मणिपुर के लोगों की अपेक्षा के अनुसार निर्णय नहीं लेते हैं, तो उन्हें जन असंतोष का सामना करना पड़ेगा।”
केंद्र की तुरंत कार्रवाई
केंद्र सरकार ने मणिपुर की स्थिति को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर सीआरपीएफ और सुरक्षा एजेंसियां नई रणनीति तैयार कर रही हैं। डीजी सीआरपीएफ की मणिपुर यात्रा इसी दिशा में एक अहम कदम है। https://www.bjp.org/
मणिपुर में शांति बहाल करने की चुनौती
मणिपुर में लगातार उभरते तनाव ने राज्य सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन मिलकर इस संकट का समाधान कैसे निकालते हैं। जनता को उम्मीद है कि जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी।