Most Mysterious Temples in India: भारत के 5 सबसे रहस्यमयी मंदिर जहाँ वैज्ञानिक भी हैरान हैं। जानिए वो शक्तिपीठ और मंदिर जिनके चमत्कार आज भी अनसुलझे हैं।
1. कोडुंगल्लूर भगवती मंदिर, केरल – रक्त से नहाया रहस्य (Most Mysterious Temples in India)
केरल के त्रिशूर ज़िले में स्थित कोडुंगल्लूर भगवती मंदिर को Most Mysterious Temples in India की सूची में पहले स्थान पर रखा जा सकता है, क्योंकि यहां की परंपराएं सामान्य नहीं हैं
यहां हर साल “भरानी उत्सव” में भक्त मां को खुश करने के लिए खून से सना लाल वस्त्र, सड़ा हुआ मांस चढ़ाते हैं। मान्यता है कि माता काली को यही सब पसंद है और इससे उनका “क्रोध शांत” होता है।

चौंकाने वाली बात ये है कि इस मंदिर में स्त्रियाँ खुद को ब्लेड से काटकर देवी को बलिदान देती हैं। इस परंपरा को वैज्ञानिक, समाजशास्त्री और डॉक्टर तक नहीं समझ पाए हैं।
लोग कहते हैं कि यहां तांत्रिक शक्तियाँ आज भी जीवित हैं और देवी की मूर्ति रात में खुद हिलती है। इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला, लेकिन जिसने भी देखा, वह फिर कभी बोल नहीं पाया।

इस मंदिर को आज भी “रक्त की देवी” का मंदिर कहा जाता है और इसे Most Mysterious Temples in India में टॉप पर माना जाता है।
2. कामाख्या देवी मंदिर, असम – देवी जहां हर महीने “मासिक धर्म” करती हैं(Most Mysterious Temples in India)
असम की पहाड़ियों पर बसा कामाख्या देवी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है — यह उन चंद जगहों में से एक है जहां वैज्ञानिक और पंडित दोनों चुप हो जाते हैं। इसे सही मायनों में Most Mysterious Temples in India की सूची में रखना ज़रूरी है।
यहाँ की सबसे रहस्यमयी बात ये है कि हर साल जून महीने में मंदिर के गर्भगृह से खून निकलता है, जिसे मां कामाख्या का मासिक धर्म (Periods) कहा जाता है। चार दिन तक मंदिर बंद रहता है

अजीब बात ये है कि कोई भी आज तक ये पता नहीं लगा पाया कि वो लाल रंग का पानी असल में कहां से आता है। न तो उस जगह कोई जलस्रोत है, न कोई खून की सप्लाई — फिर भी हर साल वही घटना होती है।
मंदिर की बनावट भी असामान्य है — यहाँ कोई देवी की मूर्ति नहीं है, बल्कि एक योनि जैसी आकृति है जिसे “शक्ति पीठ” माना गया है। यहां तांत्रिक साधक सालों-साल साधना करते हैं और मानते हैं कि यहां की गुप्त गुफाओं में अलौकिक शक्तियां निवास करती हैं।
स्थानीय लोग दावा करते हैं कि यहाँ रात को अदृश्य शक्तियां घूमती हैं, और कई बार श्रद्धालु खुद को हवा में खिंचता महसूस करते हैं।(Most Mysterious Temples in India)
ऐसी अद्भुत और रहस्यमयी घटनाओं के चलते, कामाख्या मंदिर को Most Mysterious Temples in India में गिना जाता है। यहां का वातावरण, रस्में, और खून का रहस्य आज भी दुनिया के सामने अनसुलझा पहेली बना हुआ है।
3. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान – जहां भूतों की चीखें गूंजती हैं!
राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को लेकर जो किस्से कहे जाते हैं, वे सुनकर भी यकीन करना मुश्किल होता है। लेकिन ये मंदिर भारत के उन गिने-चुने स्थानों में से एक है जहाँ आज भी खुलेआम भूत-प्रेत उतारे जाते हैं। इसी कारण इसे Most Mysterious Temples in India में सबसे ऊपर गिना जाता है।

यहाँ रोज़ाना हज़ारों लोग सिर्फ पूजा-पाठ के लिए नहीं, बल्कि अलौकिक शक्ति से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। मंदिर के अंदर (Most Mysterious Temples in India) आपको कई लोग ज़मीन पर गिरते, चिल्लाते, उल्टे लटकते और खुद को ज़ंजीरों से बांधते दिखाई देंगे। ये नज़ारा किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं होता।
कई लोग दावा करते हैं कि बालाजी महाराज की मूर्ति से शक्तियां निकलती हैं, जो सीधे उन आत्माओं पर हमला करती हैं जो शरीर पर कब्ज़ा किए हुए होती हैं। एक बार पूजा शुरू होती है, तो मरीज़ चीखने लगते हैं, और कुछ लोगों की आंखें उलट जाती हैं। ये सब चीजें किसी को भी हिला कर रख सकती हैं।
यहाँ का सबसे बड़ा रहस्य ये है कि मंदिर में किसी भी तरह की प्रसाद की दुकान या चढ़ावा लेने की अनुमति नहीं है। यहाँ सेवा निःस्वार्थ भाव से की जाती है। दूसरी अनोखी बात ये है कि इस मंदिर में जाने के बाद, पीछे मुड़कर देखना मना है, वरना कहा जाता है कि भूत साथ लौट आते हैं।
विदेशों से भी लोग यहां आते हैं — डॉक्टर्स द्वारा छोड़े गए केस, साइकोलॉजी से हारे हुए लोग — सबको यहां आशा की एक किरण मिलती है।
ऐसी भयावह लेकिन रहस्यमयी घटनाओं से भरपूर यह मंदिर सही मायनों में Most Mysterious Temples in India की लिस्ट में शिखर पर है।
4. कैलाश मंदिर, एलोरा (महाराष्ट्र) – जो इंसानों ने नहीं, खुद भगवानों ने बनाया!
महाराष्ट्र के एलोरा की गुफाओं में स्थित कैलाश मंदिर को देखकर दुनिया दंग रह जाती है। यह मंदिर पत्थर को ऊपर से नीचे तक काटकर बनाया गया है — जी हां, न कि ईंट-पत्थर जोड़कर, बल्कि एक ही चट्टान को तराशकर! इसलिए इसे अक्सर दुनिया का सबसे बड़ा मोनोलिथिक स्ट्रक्चर भी कहा जाता है।

इतना ही नहीं, यह मंदिर सिर्फ ऊपर से नीचे नहीं बना — इसमें नक्काशी, स्तंभ, मूर्तियां, सीढ़ियां, गर्भगृह और द्वार तक शामिल हैं। सवाल यह है कि 8वीं सदी में, बिना किसी आधुनिक तकनीक के, कोई इतनी सटीकता और विशालता वाला मंदिर कैसे बना सकता था?
सबसे रहस्यमय बातें:
- वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि रोज़ाना 12 घंटे तक लगातार काम किया जाए, तब भी इसे 150 साल में पूरा किया जा सकता है। लेकिन इतिहास कहता है कि यह सिर्फ 18 साल में बन गया था!
- मंदिर की नक्काशी इतनी बारीक है कि ऐसा लगता है जैसे इसे लेज़र तकनीक से काटा गया हो — जबकि उस समय तो लोहे के औजार ही मुश्किल से होते थे।
- कोई लिखित दस्तावेज़ नहीं है कि इसे किसने, कैसे और कब बनाया।
कुछ विशेषज्ञ दावा करते हैं कि इसे दिव्य शक्तियों या एलियन्स की मदद से बनाया गया होगा। कई रहस्य प्रेमी इसे भारत के सबसे रहस्यमय स्थलों में से एक मानते हैं और इसी कारण यह मंदिर Most Mysterious Temples in India की सूची में टॉप पर है।
कैलाश मंदिर को देखकर यही लगता है कि इंसानी सीमाओं से परे जाकर ही इसे बनाया गया होगा। क्या सच में इसे मानव ने बनाया, या यह देवताओं की कृपा थी?
Jwala Ji Mandir Himachal Pradesh – एक ऐसी रहस्यमयी जगह जहां सदियों से जल रही है ‘ज्वाला’ बिना तेल, बाती और गैस के!
🔥 ज्वाला जी मंदिर – जहाँ ईश्वर खुद ‘ज्योति’ बनकर प्रकट होते हैं(Most Mysterious Temples in India)
भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में स्थित ज्वाला देवी मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि विज्ञान के लिए भी एक अनसुलझी पहेली है। यहां बिना किसी ईंधन के सदियों से आग जल रही है, और यही इसकी सबसे बड़ी रहस्यमयी बात है, जिसे दुनिया जानना चाहती है —
🔮 रहस्य क्या है? क्यों जलती है यह ‘अविनाशी ज्वाला’?
मंदिर के गर्भगृह में पत्थरों की दरारों से 9 अलग-अलग जगहों पर अग्नि की लपटें निकलती हैं। यह ज्वाला ना तो तेल से जलती है, ना ही किसी दीये से।
ये ज्वालाएं सदियों से खुद जल रही हैं — बिना रुके, बिना बुझे!

यहां कोई पंडित बाती या तेल नहीं डालता — अग्नि खुद उत्पन्न होती है।
वैज्ञानिक भी कहते हैं कि ये प्राकृतिक गैस (methane/hydrocarbon) के रिसाव से हो सकती हैं, लेकिन सवाल ये है कि:
👉 इतनी सदियों तक लगातार गैस कैसे निकल रही है?
🕯️ 9 अलग-अलग ज्वालाएं और उनकी मान्यता:(Most Mysterious Temples in India)
इन लपटों को देवी दुर्गा के नौ रूपों से जोड़ा गया है:
- महाकाली
- अन्नपूर्णा
- चंडीका
- हिंगलाज
- विंध्यवासिनी
- महालक्ष्मी
- सरस्वती
- अंबिका
- अंजी देवी
हर लपट एक देवी का प्रतीक मानी जाती है।
🛕 मंदिर की ऐतिहासिक मान्यता
मान्यता है कि यह वही स्थान है जहाँ माता सती की जीभ गिरी थी, जब भगवान शिव तांडव करते हुए उनका शव लेकर ब्रह्मांड में विचरण कर रहे थे।
यह शक्ति पीठों में से एक है, और यहां माता स्वयं ‘ज्वाला’ रूप में विराजती हैं।
🧪 विज्ञान बनाम श्रद्धा – किसे मानें?
विज्ञान ने अब तक इस रहस्य को पूरी तरह हल नहीं किया है।
- Geological Surveys ने बताया कि यहां जमीन के नीचे हाइड्रोकार्बन गैस का रिसाव है।
- लेकिन सबसे बड़ा सवाल है:(Most Mysterious Temples in India)
जब आसपास के क्षेत्र में कोई गैस स्रोत नहीं है, तब ये आग कहां से आती है?
इसीलिए आज भी Jwala Ji Mandir Mystery एक अघोषित वैज्ञानिक पहेली बनी हुई है।
🔱 जब अकबर ने बुझाने की कोशिश की
इतिहास कहता है कि मुगल बादशाह अकबर ने इन लपटों को बुझवाने के लिए
- पानी डलवाया
- लोहे के छत लगाए
- यहां तक कि मंदिर को गिराने की कोशिश की
लेकिन ज्वालाएं फिर भी जलती रहीं!
अंततः अकबर ने इस शक्ति को स्वीकार कर स्वर्ण छत्र भेंट किया, जो आज भी मंदिर में मौजूद है (हालांकि इसे बाद में चांदी से बदल दिया गया)।
🙏 आज भी कैसे होता है पूजन?(Most Mysterious Temples in India)
पुजारी यहां किसी दीपक में तेल नहीं डालते, क्योंकि यहां खुद ही ‘ज्योति’ जल रही होती है।
श्रद्धालु लोग घंटों खड़े रहकर सिर्फ इस रहस्य को निहारते रहते हैं।
https://www.dnaindia.com/lifestyle/report-jwala-devi-temple-where-flames-burn-continuously-2979313








