नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह रूस के कजान शहर के लिए रवाना हुए, जहां वह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। पीएम मोदी सुबह करीब 7:40 बजे भारत से रूस के लिए रवाना हुए और दोपहर तक वहां पहुंचने की उम्मीद है। यह सम्मेलन भारत के लिए कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रूस के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के कजान जा रहा हूं। भारत ब्रिक्स के लिए बहुत महत्व देता है और मैं वहां विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा के लिए उत्साहित हूं।”
ब्रिक्स के महत्व पर पीएम मोदी की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को अहम मानता है। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स एक ऐसा मंच बन चुका है जो वैश्विक विकास एजेंडा, आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले साल नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स की समावेशिता और एजेंडा को एक नया आयाम मिला है, जिससे ग्लोबल गुड के लिए यह संगठन और अधिक प्रभावी हो गया है।
भारत-रूस के रिश्तों पर होगा सकारात्मक असर
पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “जुलाई 2024 में मास्को में हुए वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद मेरी यह यात्रा भारत-रूस के बीच विशेष और रणनीतिक साझेदारी को और सुरक्षित करेगी।” इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी होगी, जहां दोनों नेता द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पुतिन का विशेष आमंत्रण
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को व्यक्तिगत रूप से इस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा दो दिनों तक चलेगी, जिसमें ब्रिक्स सम्मेलन के अलावा कई द्विपक्षीय बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा। कजान में भारतीय प्रवासियों ने पीएम मोदी के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की हैं। https://www.bjp.org/
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से न केवल ब्रिक्स में भारत की भूमिका और मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की आर्थिक और कूटनीतिक स्थिति भी और सुरक्षित होने की उम्मीद है।