Zomato’s Big Bet: जोमैटो के शेयरों में गिरावट और मुनाफे में भारी कमी के बावजूद कंपनी अपने क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट पर आक्रामक तरीके से दांव लगा रही है। दिसंबर 2024 तिमाही में जहां जोमैटो की आय में 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं मुनाफे में 66 फीसदी की गिरावट आई। इसका असर निवेशकों की धारणा पर पड़ा और कंपनी के शेयरों में पिछले महीने 25 फीसदी तक की गिरावट देखी गई।
Zomato’s Big Bet ब्लिंकिट के विस्तार पर फोकस
जोमैटो ने मार्च 2025 तक ब्लिंकिट के डार्क स्टोर्स की संख्या मौजूदा 526 से बढ़ाकर 1,000 करने का लक्ष्य तय किया है। CEO दीपिंदर गोयल का कहना है कि यह कदम एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। कंपनी ने क्विक-कॉमर्स में पहले ही बड़े निवेश कर दिए हैं, जो अगले कुछ तिमाहियों में ब्लिंकिट को तेजी से विस्तार करने में मदद करेगा।
ब्लिंकिट के प्रदर्शन पर नजर डालें तो इसकी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) में सालाना आधार पर 120 फीसदी और तिमाही आधार पर 27 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि, इसके विस्तार के साथ बढ़ती लागत कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर दबाव डाल रही है। तिमाही EBITDA घाटा 103 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछली तिमाही में केवल 8 करोड़ रुपये था।
शेयरों में गिरावट और निवेशकों की चिंता
जोमैटो के शेयरों में गिरावट निवेशकों की चिंता को बढ़ा रही है। Zomato’s Big Bet पिछले महीने कंपनी के शेयरों में 23 फीसदी तक की गिरावट आई, और बीते पांच दिनों में यह आंकड़ा 7 फीसदी रहा। निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना में यह गिरावट कहीं ज्यादा है, जिससे बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
Zomato’s Big Bet क्या है जोमैटो की रणनीति?
विशेषज्ञों का मानना है कि जोमैटो का यह दांव लॉन्ग टर्म में लाभदायक हो सकता है। हालांकि, निकट भविष्य में कंपनी को ब्लिंकिट के घाटे को कम करने और अपने निवेश को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
दीपिंदर गोयल ने कहा, “हमारा लक्ष्य अब दिसंबर 2025 तक 2,000 डार्क स्टोर्स खोलने का है, जो पहले 2026 तक था। हम भारतीय बाजार में क्विक-कॉमर्स के जरिए नई संभावनाओं को खंगाल रहे हैं।”
भविष्य की संभावनाएं
जोमैटो के लिए यह समय कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन भारतीय बाजार में बढ़ती उपभोक्ता मांग को देखते हुए कंपनी के पास विकास के लिए बड़े अवसर हैं। अब देखना यह होगा कि ब्लिंकिट पर किया गया यह बड़ा दांव कितना सफल होता है और क्या जोमैटो अपने निवेशकों का भरोसा फिर से जीत पाती है। https://www.startupindia.gov.in/
जोमैटो के इस फैसले से यह साफ है कि कंपनी क्विक-कॉमर्स को अपनी भविष्य की रणनीति का अहम हिस्सा मान रही है। हालांकि, इसे सही साबित करने के लिए कंपनी को वित्तीय मोर्चे पर कई बड़ी बाधाओं को पार करना होगा। https://publichint.com/virat-kohli-fan-moment/